पाबलो पिकासो और मेजर ध्यानचदं की प्रेरणात्मक कहानी
Tuesday, December 1, 2020
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Practice Makes Man Perfect
प्रैकटिस क्या होती है जानते हैं जब तक कोई काम अच्छी तरह से आने ना लग जाए इसके बडे बडे उदाहरण हैं
प्रैकटिस का बहुत बडा खेल है प्रैकटिस से बडे बडे पहाड हिल जाते है कहानी है ऐसे दो महान लोगों की जिनहोने बताया है की प्रैकटिस से हर काम हो सकता है
Story of a Spanish Painter Pablo Piccaso
(एक महान पेटरं की कहानी)
कहानी है एक बहुत बडे चित्रकार पाबलो पिकासो की पाबलो पिकासो एम एफ हुसेन से बडे चित्रकार हुए एक दिन पाबलो पिकासो नयू ओर्क के एक सट्रीट पर घूम रहे थे वहाँ उन्हें एक महिला मिली महिला ने कहा मैने आपको पहचान लिया आप पाबलो पिकासो हैं भागी भागी गई एक पेपर लेकर आई और पाबलो पिकासो के हाथ मे दिया और बोली सर आप एक महान पेटरं है क्या आप मेरेे लिए कुुुछ पेटिगं बना सकतेे है पाबलो ने पेेेेपर लिया और एक पेटिगं बनाई ३० सैकिंड मेे पलट कर उसके हाथ मे दिया और कहा ये आपके लिए इस पेटिगं की कीमत ३० लाख रुपए है महिला को विशवास ही नही हुआ उसने कहा कोई आदमी ३० सैकिडं मे ऐसी पेटिगं कैसे बना सकता है जिसकी कीमत 50 लाख रूपए हो वो महिला कई जगह गई और उसने पेटिगं की कीमत पूछी उन जगह कई दुकानदारों ने कहा मैडम ये पाबलो पिकासो की पेटिगं हैं महिला ने कहा हाँ ये पाबलो पिकासो की पेटिगं है और कहा आप इस पेटिगं के मुझे कितने पैसे दे सकते हैं दुकानदारो ने कहा हम आपको इस पेटिगं के पचास लाख रुपए तक दे सकते है वो हैरान थी पचास लाख की पेटिगं ३० सैकिडं मे उसने पता किया पाबलो पिकासो कहाँ रहते है ढूँढते ढूँढते पाबलो पिकासो के पास पहुँची और बोली सर आपने मुझे पहचाना मै वही महिला हूँ मै आपको मिली थी आपने मेरे लिए पेटिगं बनाई थी सर इस पेटिगं की कीमत पचास लाख रुपये है उन्होने कहा हाँ मैने पेटिंग बनाई है महिला ने कहा सर मै सिखना चाहती हूँ ३० सैकिडं मे पचास लाख की पेटिगं कैसे बनाई जाती हैं पाबलो ने कहा सुनो मैडम जो पेटिगं अपने ३० सैकिडं मे पचास लाख रुपये की बनी हुई देखी उसको बनाने के लिए मुझे तीस साल लग गए
Story of a Great Hockey Player
( एक महान होकी खिलाड़ी की कहानी)
मेजर ध्यानचदं को होकी का जादूगर बोला जाता है प्रैकटिस किस पर करते है पटरी के ऊपर जो ट्रेन रेलवे ट्रैक है उस पर प्रैकटिस करते है बोल और सटीक लेकर ऐसे ऐसे घूमा रहे है की बोल गिरे ना बैलंस बना रहे है और ओलंपिकस के अदरं मैच खेलते रहे लोगों ने स्टीक तोडकर देखा इस आदमी का बैलंस क्या है ये बोल चिपका चिपका कर चलता है की चूबकं लगा है लकडी मे की क्या है स्टीक मे कुछ नही था क्या था प्रैकटिस एक मैच मे हाफ टाईम तक कोई गोल नहीं था मेजर ध्यानचदं से उसकी टीम ने पूछा ध्यानचदं तुझको आज क्या हुआ हाफ टाईम हो गया कोई गोल नही हम मैच हार जाएंगे ध्यानचदं ने बोला रोक दो मैच और पता करो गोल पोज को मापो इस गोल पोज मे कुछ गडबड है टीम ने कहा मेजर कैसी बात करते हो तचम पागल हो ये आलंपिक है ये कैसे मुमकिन है उसने कहा मैं नहीं जानता मेजर ध्यानचदं एक बहुत बडा नाम था तो रैफरी आए गोल पोज को मापा गया २ फुट छोटा निकला उनको इतना विशवास कयों था आप जानते है इसको क्या बोलते है प्रैकटिस।
मोरल : प्रैकटिस से दुनिया मे बडे से बडे और मुश्किल से मुश्किल काम आसानी से हो जाते है।
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